दीमक :-
सुखी जमीन पर अधिक प्रकोप दिखता, तथा जडों को नुकसान पहुंचाते हैं। वृक्षों के तनों पर बोर्डों पेस्ट लगाने से इसका नियंत्रण होता है। खेत में जैविक कार्बन अधिक हो तो इसका प्रकोप कम होता है
- मेटरिजियम, बेवेरिया बेसियाना दीमक को नियंत्रण मे रखते हैं। यह भी प्राकृतिक रूप में मिट्टी, नदियों का गाद, जैविक अवशेषों में पाये जाते हैं।
- आंक के पतों का राजस्थान में खूब इस्तेमाल होता है, दीमक नियंत्रण में।
- महाराष्ट्र में गिरिपुष्प की पतियाँ (1 किलो) + आक पतियाँ (1 किलो) +एलोविरा (1 किलो) + 50 ग्राम हींग मिलाकर खेत में प्रयोग किया जाता हैं।
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