जैविक खेती, कृषि की एक ऐसी विधि है जिसके अंतर्गत संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों का उपयोग निम्नतम किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। इस कृषि में फ़सल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है।”प्राचीन काल में मनुष्य के स्वास्थ्य के अनुकूल तथा प्रकृति के अनुरूप ही खेती की जाती थी। जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा पर्यावरणीय संतुलन बना रहता था। उस समय गौ-पालन भी किया जाता था। लेकिन यह भी समय के साथ कम होता चला गया। कृषि में रासायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग होना शुरू हो गया। जिसके परिणामस्वरूप जैविक व अजैविक पदार्थों के चक्र का संतुलन बिगड़ता गया और यह असंतुलन लगातार जारी है। यह असंतुलन मानव जाति के लिए घातक बनता जा रहा है।
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रासायनिक खेती किस प्रकार मानव जाति के लिए खतरा है ?
बहुत दुख के साथ आज मै आप लोगो को यह बताने जा रहा हूँ कि आज जीतने भी किसान हैं वो प्रकृतिक खेती छोड़कर रासायनिक खेती कर रहे हैं। कुछ दशक पहले तक प्रकृतिक खेती Read more…
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