metarizium growth picture

मेटाराइजियम एनिसोप्ली फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली 1 प्रतिशत डब्लू पी और 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली, को पहले एंटोमोफ्थोरा एनीसोप्ली कहा जाता था| यह मिट्टी में स्वतंत्र रूप से पाया जाता है एवं यह सामान्यतयः कीटों में परजीवी के रूप में पाया जाता है|

इसके कीट परजीविता लक्षण के कारण यह विभिन्न कीटों का रोग जनक है| एलीया मेकनिकोव ने मेटाराइजियम एनीसोप्ली पर पहला प्रयोग सन 1879 में गेहूं के बीटल, एनिसोप्लिया अस्ट्रिएका की रोकथाम के लिए किया था| यह प्रायः खपरा वर्ग (कोलिओप्टेरा–गण) के कीटों तथा टिड्डा, सफेद लट, सुन्डियों, दीमक, थ्रिप्स, मॉहूं आदि को रोगग्रस्त करता है|

यह पाया गया है, कि मेटाराइजियम एनीसोप्ली, अन्य आथ्रोपोडस के अतिरिक्त लगभग 200 कीटों (इन्सेक्टस) को रोगग्रस्त करता है| इसके बीजाणुओं का रंग गहरा हरा होता है और इससे संक्रमित बीमारी को मसकरडीन बीमारी कहा जाता है| क्योंकि इसके बीजाणुओं का रंग हरा होता है, इसलिए इस रोग को कीटों की हरी मसकरकीन बीमारी कहा जाता है|

मेटाराइजियम एनीसोप्ली मनुष्य या अन्य जानवरों को संक्रमित या विषाक्त नहीं करता है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली कम आर्द्रता और अधिक तापक्रम पर अधिक प्रभावी होता है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली के प्रयोग से 15 दिन पहले तथा बाद में रासायनिक फफूंदनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए| मेटाराइजियम एनिसोप्ली की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है|


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