1. इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य मिट्टी को भुरभुरी बनाना है जिससे जड़ों का विकास अधिक हो सके।
  2. ये प्रकाश संलेषण की क्रिया को तेज करता है जिससे पौधे में हरापन आता है और शाखाओं में वृद्धि होती है।
  3. पौधों की तृतीयक जडों का विकास करता है जिससे की मृदा से पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक हो सके।
  4. पौधों की चयापचयी क्रियाओं में वृद्धि कर मृदा की उर्वरा शक्ति बढाता है.
  5.  पौधों में फलों और फूलों की वृद्धि कर फसल की उपज को बढ़ाने में सहायक है।
  6.  बीज की अंकुरण क्षमता बढाता है तथा पौधों को प्रतिकूल वातावरण से भी बचाता है।

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