किसान मित्रों, वृक्ष प्रकृति के सहअस्तित्व के घटकों में महत्वपूर्ण घटक है। इसके बारे में हमारे प्राचीन ग्रंथ अथर्ववेद के पृथ्वीसूक्त में कहा गया है कि वृक्ष और वनसपति, मनुष्यों कि तरह ही पृथ्वी का पुत्र हैं। हमारे देश मे वृक्षों कि पूजा प्राचीनकाल से ही की जा रही है। नीम, बरगद, पीपल आदि वृक्षों का अपना एक महत्व है। महात्मा बुद्ध के जीवन में जन्म, विद्या प्राप्ति, समाधी की घटनायेँ साल, पीपल व जामुन के वृक्षों की छाया में ही घटीं।

इन सब के पीछे एक ही तर्क/ विज्ञान है कि वृक्ष मानव जाती के अस्तित्व कि रक्षा निःस्वार्थ रूप से करता हैं।   

वृक्षों का महत्व :-

प्राणवायु (आंक्सीजन) देना, कार्बन डाइआक्साइड लेना, पक्षियों का आसरा, पशुओं हेतु चारा, वर्षा को बुलाना, मिट्टी कटाव रोकना, जलवायु सुधार, आंधी तूफान से सुरक्षा, फल की प्राप्ति, तापक्रम संतुलित रखना, भूमि जल में बढ़ोतरी आदि में वृक्षों की महत्व अत्यंत आवसयक है।  


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