पारंपरिक बीज तैयार करने के लिए सबसे पहले अपने खेतों की फसल में अच्छा उत्पाद देने वाली फसल संग्रहण कीजिये और उसके बाद प्राकृतिक तरीकों से गुणवत्ता युक्त बीज तैयार किजिये ताकि स्वावलम्बी बीज से कंपनियों के महगे बीजों से बचा जा सके।
विधि:-
- वटवृक्ष (बढ़) के पेड़ के नीचे की मिट्टी एकत्रित करके उसको गौमूत्र से गीली करने बाद गीली मिट्टी में बीज डालकर अच्छी तहर से मिलाये उसके बाद सूर्य की धूप में स अच्छी सूखने के बाद पैकिंग करके रखें।
- गाय की प्रसव पीड़ा के समय एक तरल पदार्थ की थैली बाहर आती है। जिसमें किलो से 5 किलो तक तरल दृव्य शरीर से बाहर आता है। उसे एकत्रित करे शुक्लपक्ष की तृतीया (अक्षय तृतीया) से चटाई या प्लास्टिक पाल पर बीज को बिछाकर एकत्रित तरव्य के छिड़काव जगावे द्रव्य हर दाने को लगे ऐसा ध्यान रखें। इसके बाद रात्रि में आकाश के नीचे रखें ताकि तारागण एवं चन्द्रमा की रोशनी बीजी पर पड़ती रहे। दिन बीज इच्छानुसार कपड़े की या दार की बोरी में पैकिंग पर रखें। यह नक्षत्रों से ऊर्जा प्राप्त बीज 100 प्रतिशत गुणवत्ता में श्रेष्ठ एवं रोग मुक्त होगा।
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