ट्राइकोडर्मा:-

ट्राइकोडर्मा एक मृतजीवी कवक है , जो मिट्टी और कार्बनिक अवशेषों पर पाया जाता है । यह एक जैव-फफूंदनाशी है एवं विभिन प्रकार की कवकजनित बीमारियों से पौधे को बचाने मे मदद करता है। इसकी दो प्रजातियाँ होती है :- 1. ट्राइकोडर्मा विरिडी 2.ट्राइकोडर्मा हर्जियानम मृदा उपचार के प्रक्रिया मे Read more…

फसल प्रबन्धन

जैसा कि बताया गया है कि यदि पौधों में जल और पोषक तत्वों का संतुलन रखा जाये तो रोग-कीटों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है इसके लिये जैविक खाद का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। हमशा चार वर्षीय या अधिक फसल चक्र अपनाना चाहिये ताकि कोई कीट अपने जीवन बनाये Read more…