खलियाँ : –

बीजों से तेल निकालने के बाद बचा ‘भाग, खली कहलाता है। ये खलियां भी जैविक पौध पोषण में सहयोगी होती हैं। खलियों में नाइट्रोजन के अलावा कुछ मात्रा में फॉस्फोरस और पोटॉश भी होता है। इनके जड़ क्षेत्र में उपयोग से मित्र जीवाणु संख्या बढ़ती है। इन्हें 200 किलो प्रति Read more…

वृक्ष चिंतन:-

किसान मित्रों, वृक्ष प्रकृति के सहअस्तित्व के घटकों में महत्वपूर्ण घटक है। इसके बारे में हमारे प्राचीन ग्रंथ अथर्ववेद के पृथ्वीसूक्त में कहा गया है कि वृक्ष और वनसपति, मनुष्यों कि तरह ही पृथ्वी का पुत्र हैं। हमारे देश मे वृक्षों कि पूजा प्राचीनकाल से ही की जा रही है। Read more…