फसलों के प्रमूख कीट:-

दीमक :- सुखी जमीन पर अधिक प्रकोप दिखता, तथा जडों को नुकसान पहुंचाते हैं। वृक्षों के तनों पर बोर्डों पेस्ट लगाने से इसका नियंत्रण होता है। खेत में जैविक कार्बन अधिक हो तो इसका प्रकोप कम होता है मेटरिजियम, बेवेरिया बेसियाना दीमक को नियंत्रण मे रखते हैं। यह भी प्राकृतिक Read more…

पंचगव्य :-

किसान भाइयों को परम्परागत कृषि को अपनाना होगा तभी आने वाली पीढ़ी को एक सुखद और खुशहाल जीवन मिल पाएगा। प्राचीन काल से ही भारत जैविक आधारित कृषि प्रधान देश रहा है। सदियों से विभिन्न प्रकार के उर्वरक उपयोग होते आए हैं जो पूर्णतः गाय के गोबर और गोमूत्र पर Read more…

सही फसल का चुनाव करें:-

किसान भाइयों, जैसा कि आप सभी जानते हैं, एक व्यापारी जब अपना व्यवसाय शुरू करता है, तो व्यवसाय शुरू करने से पहले वह काफी सोच-विचार कर व्यापार में कदम रखता है। तो आप क्यों नहीं कर सकते? इसी तरह आपको भी बाजार की डिमांड के अनुसार फसल चुनने की आवश्यकता Read more…

अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को समझें:-

ऑर्गेनिक खेती से पहले किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और फसल के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए, क्योंकि हर जगह की जलवायु, हर जगह की जमीन अलग होती है।  जैविक खेती शुरू करने से पहले अपनी मिट्टी का परीक्षण ज़रूर करा लें। ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले Read more…

मिश्रित खेती के लाभ :-

जब एक ही समय में एक ही खेत पर कई फसलें एक साथ बोई तथा उगायी जाती हैं इसे मिश्रित खेती कहते हैं| मिश्रित खेती विभिन्न पौधों के संरक्षण में मददगार होती इससे मिट्टी के स्वास्थ्य/गुणवत्ता में सुधार होता है| कुल मिलाकर उत्पादकता भी बढ़ती है| मिश्रित खेती फसल की Read more…

केंचुआ किसान का मित्र क्यों?

जैविक खेती में पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने तथा मिट्टी को भुरभुरी बनाकर, हवा का संवहन बढ़ाने में केंचुआ का महत्वपूर्ण योगदान होता है| मुख्यतः केंचुओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है जैविक कचरा खाने वाले तथा मिट्टी खानेवाले| वर्मीकम्पोस्ट बनाने हेतु जैविक कचरा खाने वाले केंचुआ का Read more…

जैविक खेती कैस करें :-

जैविक खेती को देशी खेती भी कहा जाता है। मुख्य रूप से organic farming प्रकृति एवं पर्यवरण को संतुलित रखते हुए की जाती है। इसके अंतर्गत फसलों के उत्पादन मे रासायनिक खाद कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके जगह पर गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद ,फसल अवशेष Read more…

एमिनो एसिड से मिट्टी में सुधार कर सकते हैं?

मृदा समुच्चय के गठन को बढ़ावा देना: मृदा समुच्चय मृदा संरचना की मूल इकाइयाँ हैं। अमीनो एसिड का उपयोग मिट्टी के भौतिक और रासायनिक गुणों को बहुत अधिक नमक सामग्री, बहुत मजबूत क्षारीयता, मिट्टी के कणों के उच्च फैलाव और खराब मिट्टी संरचना के साथ बदल सकता है, मिट्टी के समुच्चय Read more…

ह्यूमिक एसिड के लाभ:-

इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य मिट्टी को भुरभुरी बनाना है जिससे जड़ों का विकास अधिक हो सके। ये प्रकाश संलेषण की क्रिया को तेज करता है जिससे पौधे में हरापन आता है और शाखाओं में वृद्धि होती है। पौधों की तृतीयक जडों का विकास करता है जिससे की मृदा से पोषक Read more…