आमतौर पर आदर्श भूमि की अम्लीयता क्षारीयता या पी. एच. मान. 6.5-7.5 के मध्य होता है। किसी भूमि में प्राकृतिक चट्टान / बेड रॉक के कारण या अधिक गहराई से पानी निकालकर देने से या सिंचाई जल के असंतुलित उपयोग से भूमि का पी. एच. मान बढ़ता जाता है। जैसे-जैसे पी एच मान 8 के ऊपर जाने लगता है, भूमि की उर्वरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है। हमारे देश में लवणीय, क्षारीय, ऊसर आदि समस्याग्रस्त भूमि हैं। इन समस्याग्रस्त भूमि को सुधारने के लिए जैविक कृषि पद्धति ही एकमात्र मार्ग है।
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रासायनिक खेती किस प्रकार मानव जाति के लिए खतरा है ?
बहुत दुख के साथ आज मै आप लोगो को यह बताने जा रहा हूँ कि आज जीतने भी किसान हैं वो प्रकृतिक खेती छोड़कर रासायनिक खेती कर रहे हैं। कुछ दशक पहले तक प्रकृतिक खेती Read more…
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