1. सूक्ष्मजीवियों पर आधारित पेस्टीसाइड्स पर सूर्य की पराबैगनी (अल्ट्रावायलेट) किरणों का विपरीत प्रभाव पड़ता है, अतः इनका प्रयोग संध्या काल में करना चाहिए|
2. सूक्ष्म-जैविकों के बहुगुणन के लिए (विशेषकर कीटनाशक फफूदी के लिए) प्रयाप्त नमी और तापमान होना आवश्यक होता है|
3. सूक्ष्म-जैविक रोकथाम में आवश्यक कीड़ों की संख्या एक सीमा से ऊपर होनी चाहिए|
4. इनका आयु काल (सेल्फ लाइफ) कम होता है, यानि इनको खरीदने एवं प्रयोग करने से पूर्व इनके बनाने की तिथि पर अवश्य ध्यान देना चाहिए| ( 1 साल तक यह खराब नहीं होता है )
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