स्वपरागित फसलें :- जब किसी पौधे को एक फूल के पुंकेसर उसी पौधे के फूल के स्त्रीकेसर को निषेचित करते हैं तो यह स्व परागण कहलाता हैं। जैसे :- गेहूँ, चावल, चना, मूंग, उर्द, अरहर, भिण्डी, बैंगन, मिर्च, तिल, अलसी आदि।

परपरागित फसलें :- जब किसी पौधे के एक फूल के परागकण, उसी या अन्य पौधे के फूल मादा अंग को निषेचित करते हैं तो यह परपरागण कहलाता है। जैसे :- बाजरा, मक्का, सूर्यमुखी, गाजर, केला, प्याज, तरबूज, खीरा आदि।

यदाकदा परपरागित फसलें :- इस प्रकार के पौधों में मुख्य रूप से स्वपरागण ही होता है पर साथ ही लगभग 5% तक परागण होता है। जैसे :- कपास, ज्वार, राई, पिली, सरसों, तोरिया आदि।

 

 


0 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *