पौधों के शारीरिक अवयवों के बारे में सामान्य जानकारी : –
जड़ :-
पौधे का वह भाग जो मुलांकर से विकसित होकर भूमि के अंदर प्रकाश के विपरीत बढ़ता है, जड़ कहलाता है। यह मिट्टी को बाँधने का कार्य करती है साथ ही पोषक तत्वों एवं जल को भूमि से अवशोषित कर पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचती हैं।
तना : –
पौधे का वह भाग जो बीज के अंकुरण के समय प्रांकुर से विकसित होता है, प्रकाश की तरफ बढ़ता है जिस पर शाखाएँ, पतियाँ, फूल, फल आदि लगते हैं। तने का मुख्य कार्य, जल, खनिज लवण एवं खाध पदार्थों का पौधे के विभिन्न अंगों में परिसंचरण करता हैं।
पती : –
यह पौधों का रसोई घर है। आमतौर पर यह हरे रंग की होती हैं। यहाँ पर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है। अधिकतर पतियों के निचली सतह पर रंध्र (छिद्र) पाए जाते हैं, जहाँ से वाष्पोत्सर्जन एवं कार्बनडाईआक्साइड / आंक्सीजन का विनिमय होता है।
फूल या पुष्प :- पौधों की प्रजनन अवयव है, जिसमें नर तथा मादा जननांग होते हैं।
जिन पुष्पों में नर और मादा जननांग दोनों एक ही फूल में रहते हैं, उभयलिंगी फूल कहलाते हैं। जैसे गेहूं, ज्वार, कपास, चना आदि के फूल।
जिन फूलों में एक ही लिंग पाया जाता है, एकलिंगी फूल कहलाते हैं। जैसे मक्का, बेलवर्गीय सब्जियां, पपीता आदि में नर और मादा फूल एक ही पौधों पर अलग स्थान पर होते हैं।
बीज : –
फूल में नर मादा के मिलन से बीज पैदा होता है। एक बीज पत्री बीज में जैसे गेहूं, चावल, ज्वार, मक्का आदि और दोबीजपत्री बीजों में चना, मटर, अरहर आदि होते हैं।
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