मूंगफली, कपास, पॉम, राइस ब्रान, सरसों आदि फसलों के उत्पादन में उर्वरकों की तुलना में कीट-रोगनाशी का उपयोग अधिक होता है। इसके साथ ही रसायनों के उपयोग से अनेक खाध तेलों का परिशोधन भी किया जाता है। बी. टी. कपास के तेल का भी खाध के रूप में सेवन किया जा रहा है। तेलों को रीफाईन करने से उनकी पोषकता नष्ट होती है और ट्रांस फैटी एसिड विकसित हो जाते हैं। आज सभी रीफाइन्ड खाध तेल बेचने वाली कंपनियां उनके ब्रांड में कम कोलेस्ट्रोल और दिल के लिए सुरक्षित होने का विज्ञापन कर रही है।

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