भारत सरकार ने स्वयं माना है कि देश में मिलने वाला 62 प्रतिशत दूध नकली है। ये नकली दूध यूरिया, पशु चर्बी आदि के द्वारा गैरकानूनी तरीके से बनाया जाता है। दुग्ध उत्पादन में आज भी कई उत्पादक प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन हार्मोन का उपयोग करते हैं। पशुओं के उपचार में अनेक एलोपैथी दवाओं का उपयोग किया जाता है, जो सीधे दूध में आ जाती है। यहाँ तक कि माँ के दूध में भी ओर्गेनॉक्लोरिन, ओर्गेनोफॉस्फेट कीटनाशक पाए गए क्योंकि माँ जो फल एवं सब्जियां खा रही हैं, उसमें यह कीटनाशक होते हैं। यह अत्यंत चिंतनीय है कि बच्चे को जन्म के बाद दूध के रूप में जहर मिलता है।
अनुसन्धान से यह बात सामने आई है कि संकर विदेशी नस्ल के गाय के दूध में ए 1 प्रोटीन पाया जाता है। जो मनुष्यों में 6 प्रकार की बीमारी पैदा करता है। इसके विपरीत देशी गाय का दूध जिसमें ए 2 प्रोटीन पाया जाता है, मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी पाया गया है।
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