जीवामृत बनाने के लिए गोबर गैस से निकलने वाली या गाय-बैल का गोबर एक बीघा के लिए 10 किलो गोबर 5 किलो गाय-बैल का मूत्र 1 किलो गुड़, आधा किलो मिट्टी बढ़ पीपल के नीचे या अपने खेत की मेड़ की मिट्टी, 200 लीटर पानी में डाले एक-एक बार इसके साथ 1 किलो बेसन भी डाल दें। 2 से 7दिन तक टंकी में पड़ा रखें । दिन में एक या 2 बार डंडे से 30-40 मिनट तक खूब हिलाएं ।
इस जीवामृत को सिंचाई के पानी के साथ बहा दें, असिंचित भूमि में जीवामृत को वर्षा के दिनों में पहले खेत में डाल दें। बाद की सिंचाई में बिना बेसन की जीवामृत बनाकर डालते रहें। इस जीवामृत से गुढ व 7 दिन पड़ा रहने से गोबर के 1 ग्राम के हजारों करोड़ जीवाणु बन जाते है और जमीन के नीचे केचुयें होते हैं जो सक्रिय होकर जमीन को पोली/मुलायम कर देते हैं। जिससे जमीन की जलग्रहण क्षमता एवं उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। केचुयें किसान का मित्र जीव है।
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