1. ट्राइकोडर्मा हमारे फसल को मृदा जनित और बीज जनित रोगो से बचाता है ।
  2. यह रोगकारक सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकता है एवं उन्हे मारकर पौधों को रोगो से बचाता है ।
  3. यह पौधों मे अंटिओक्सीडेंट गतिविधियों को बढ़ाने मे मदद करता है।
  4. यह मिट्टी मे कार्बनिक पदार्थों के अपघटन को बढ़ाता है और यह एक जैव उर्वरक के जैसा काम करता है ।
  5. ट्राइकोडर्मा के प्रयोग से पौधों की जड़ों की संख्या मे काफी ज्यादा मात्रा मे वृद्धि होता है क्योकि यह फोस्फेट और अन्य सूक्ष्म पोशाक तत्वों को घुलनशील बनाकर पौधों के जड़ को दे देता है ।
  6. यह कीटनाशी,खरपतवार,कवकनाशी एवं अन्य रासायनिक से प्रभावित मिट्टी के जैविक उपचार मे एक अहम भूमिका निभाता है ।
  7. इसके प्रयोग से मिट्टी मे उपस्थित मित्र सूक्ष्म जीव एवं केंचुआ के ऊपर किसी प्रकार का दुस्प्रभाव नहीं पडता है ।

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