हमारा देश गाँवों में बसता हैं। आज अधिकांश गाँवों में युवा शक्ति के सद्कार्य के लिए संगठन का अभाव होने से प्रतिकूल परिणाम दिखाई पड़ रहे हैं। अधिकांश गाँवों में उमंग और उत्साह कम हो गये है। देश अधिकतर युवा शक्ति व्यर्थ जा रही है। आज आवश्यकता है ग्रामीण युवा शक्ति को जागृत करने की, गाँव मे किसान समूह के निर्माण की जिनका उदेश्य अपने गाँव की मानवता का विकास करना हो।

किसान समूह के विविध लक्ष्य :-

  1. गाँव में हरियाली लौटने के लिए वृक्षारोपण, पोषण बगीचों, औषधी बगीचों, ग्राम नर्सरी का निर्माण करना।
  2. विविध फसलों के बीज के लिए गाँव में स्वयं का सामुदायिक बीज बैंक तैयार करना।
  3. भूमि संरक्षण के लिए खेतों में जैविक खाद का प्रयोग करना।
  4. जल संरक्षण हेतु पोखर, तालाब इत्यादि का निर्माण करना।
  5. ऊर्जा हेतु प्रकृति स्रोत जैसे बायोगैस इत्यादि का निर्माण करना।
  6. गाँव में सांस्कृतिक कार्यक्रम/ खेलकुद स्पर्धाओं को प्रोत्साहन करना।
  7. गाँव में नशाबंदी/ गुटका बंदी हेतु विशेष अभियान चलाना।
  8. ग्रामीण पशुधन का प्रबंधन करना।
  9. जैविक आगत उत्पादन केंद्र विकसित करना।

हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि ग्रामीण शक्ति विशेषकर युवा ऐसे संरचनात्मक एवं पवित्र उदेश्य के लिए संगठित होगी तो गाँव में उमंग, उत्साह और खुशी का वातावरण निर्मित किया जा सकता हैं।


0 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *