केंचुआ किसानों का मित्र तथा भूमि का आंत कहा जाता हैं। यह जैविक पदार्थ, ह्यूमस व मिट्टी को एकसार करके जमीन के अंदर अन्य परतों में फैलता है। जिससे जमीन पोली होती है व हवा का आगमन बढ़ जाता है तथा जल धारण की क्षमता भी बढ़ जाता है। केंचुआ के पेट में जो रासायनिक एवं सूक्ष्म जीवाणुओं की क्रिया होती है, उससे भूमि में पाए जाने वाले नाइट्रोजन, फॉस्फोरस पोटाश, कैल्शियम अन्य सूक्ष्म तत्वों की उपलब्धता बढ़ती हैं। केंचुआ जैविक पदार्थ एवं मिट्टी खाने वाले जीव हैं। केंचुआ की आइसीनिया फिटिडा या युड्रिलस एनजीनियल प्रजाति कार्बनिक पदार्थ खाकर त्याजय किया मल ही केंचुआ खाद है।  


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