जीवाणु :-

यह सूक्ष्मजीव बीज, फसल अवशेष, मिट्टी के माध्यम से फैल सकते हैं। इनसे होने वाला रोगों में पती धब्बा, अंगमारी, विल्ट (उकठा), कैंकर आदि रोग प्रमुख हैं।

फफूंद :-

पौधों में होने वाले रोग में फफूंद सबसे ज्यादा हानिकारक हैं। इनका प्रसार भूमि, वायु, पानी तथा बीज के माध्यम से हो सकता है। फफूंद से होने वाले रोगों में विल्ट (ऊख-सूख), जड़ एवं तना गलन, पती धब्बा, भभूतिया, फल सड़न आदि प्रमुख हैं।

वाइरस या विषाणु :-

ये अतिसूक्ष्म, परआश्रयी, रोग फैलाने वाले जीव हैं। वर्तमान में इनका प्रमाण तेजी से बढ़ रहा है और इनका नियंत्रण करना एक बड़ी चुनौती हैं। प्रमुख वाइरस रोगों में पीला शिरा मोजेइक, पती मुड़न, लीफ कर्ल आदि है। मिर्च, पपीता, मूंग, सोयाबीन, भिण्डी आदि फसलें इससे प्रभावित होती हैं।

निमेटोड :-

निमेटोड या सूत्रकृमि, बहुकोशिकीय, परपोषी जीव हैं। ज़्यादातर निमेटोड पौधे की जड़ों के माध्यम से पानी व पोषण लेते हैं। इनसे अनाज, कपास, टमाटर, बैंगन, मिर्च, भिण्डी, आदि में जड़ गांठ रोग लग जाते हैं।


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