जिन पतियों से कीटनाशक बनाया जाता है, कैसे पहचानेंगे उन पौधों को? बकरी पर ध्यान दें, कौन सी पतियाँ बड़े चाव से खा रही और किसे एकदम ही नहीं छूती। वह सारे पौधे बहुत अच्छी कीटनाशक के रूप में बन सकते, जिससे बकरियाँ दूर रहतीं।

- ब्रह्मास्त्र :-
10 लीटर गौमूत्र + 2 किलो नीम के पतों की चटनी + 2 किलो करंज के पते की चटनी + 2 किलो बेल के पतों की चटनी + 2 किलो सीताफल के पतों की चटनी + 2 किलो अरंडी के पतों की चटनी = 2 किलो धतूरे के पतों की चटनी + 2 किलो पपीता के पतों की चटनी + 2 किलो पुटूस के पते की चटनी। इनमें से कोई भी पाँच चलेगा, नीम + धतूरा अनिवार्य है। 5 वनस्पतियों की चटनी (अर्थात 10 किलो चटनी) को 10 लीटर गोमूत्र में डालकर धीमी आँच पर दो से तीन बार उबालें। 48 घंटे छाया में रखें। यह प्रक्रिया मिट्टी के बर्तन में करे, और इसका प्रयोग करें।

इसी प्रकार दश तरह की पतियों की चटनी देते हैं तो उसे दशपर्णी अर्क बोलते हैं, 10 लीटर गौमूत्र + 2 किलो नीम के पतों + 2 किलो करंज + 2 किलो बेल + 2 किलो सीताफल के पते + 2 किलो अरंडी के पते +2 किलो सिंदवार के पते, 2 किलो आम के पते, 2 किलो अकवन के पते, 2 किलो पपीता के पते। इसके साथ आधा किलो तंबाकू पाउडर + आधा किलो लहसुन, मिर्ची चटनी + हींग (10 ग्राम) + हल्दी (500 ग्राम) + अदरक (500 ग्राम) की चटनी भी रहेगी। 2 से 3 लीटर प्रति 100 लीटर मे प्रयोग करें।

इसमे ‘तम्बाकू’ (खैनी के डंठल का चूर्ण) का आगमन होगी। 10 लीटर गौमूत्र + 2 किलो नीम के पतों की चटनी + आधा किलो तम्बाकू का पाउडर + आधा किलो मिर्च की चटनी + 250 ग्राम लहसुन। इस मिश्रण को एक बार उबालें। इसके बाद 48 घंटे तक छाया में ढ़क कर रखें। 48 घंटे बाद छान कर तीन महीने तक उपयोग में ल सकते है।

2 किलो अदरक 2 किलो लहसुन को बारीक से कूट कर दो अलग-अलग प्लास्टिक के बर्तन में रखें। दोनों बर्तनों में आधा-आधा किलो गुड़ तथा 8-8 लीटर पानी मिलाकर 45 दिन के लिए रखें। 45 दिन बाद स्प्रे के लिए आधा लीटर अदरक का मिश्रण तथा आधा लीटर लहसुन मिश्रण लें इसमें आधा लीटर गोमूत्र मिलाकर तथा 16 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करें।
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