भेड़ अथवा बकरी लेंडी की खाद

औसतन इस खाद में 3 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 2 प्रतिशत पोटाश की मात्रा होती है। पके खाद को चुरा ( पीसकर ) कर बोनी के समय देने पर अथवा पौधे के पास देने से उत्तम परिणाम मिलते है। फसल की आवश्यकता अनुसार इसे 1-3 टन प्रति एकड़ Read more…

पशु समाधि खाद :-

प्राकृतिक रूप से मृत गाय/बैल / अन्य पशु के शरीर को खेत के किसी हिस्से में वांछित लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई के गड्ढे में रख देते है। इस गड्ढे में मृत शरीर पर 7 किलो चूना तथा 10 किलो खड़ा नमक डालकर मिट्टी से एकवर्ष के लिए ढांक देते है। Read more…

इल्ली नियंत्रण के तरीके:-

5 लीटर देशी गाय के मूत्र में 5 किलो नीम के पत्ते डालकर 10 दिन तक सड़ायें, बाद में नीम की पत्तियों को निचोड़ ले। इस नीमयुक्त मिश्रण को छानकर 150 लीटर पानी में घोल बनाकर समान रूप से एक एकड़ में छिड़काव करें। इससे इल्ली एवं माहू का प्रभावी Read more…

दूध से बीजोपचार

400 ग्राम टमाटर के बीज को एक कपड़े में बाँधकर छोटी थैली जैसे बनाना बनाने के बाद 425 मि.लि. पानी में 75 मि. लि. दूध मिला लीजिये। उसके बाद इस घोल को 6 घण्टे भिगोके रखना चाहिए 6 घण्टे के बाद इस थैली को निकालकर बीज को खेत में बोना Read more…

पारंपरिक बीज तैयार करना

पारंपरिक बीज तैयार करने के लिए सबसे पहले अपने खेतों की फसल में अच्छा उत्पाद देने वाली फसल संग्रहण कीजिये और उसके बाद प्राकृतिक तरीकों से गुणवत्ता युक्त बीज तैयार किजिये ताकि स्वावलम्बी बीज से कंपनियों के महगे बीजों से बचा जा सके। विधि:- वटवृक्ष (बढ़) के पेड़ के नीचे Read more…

रोग-कीट युक्त बीज व खरपतवार के बीजों को अलग करना:-

कई रोग बीज के कारण ही फैलते हैं जैसे गेहूं से कंदुआ रोग, इसी प्रकार कई बार बीजों को कीटों द्वारा क्षति हो जाती है। खरपतवार के बीज भी फसल के बीज के साथ मिले होते है। इन सभी तरह के बीजों को हाथ से चुनकर अलग करना सर्वोत्तम उपाय Read more…

जैविक बीज उत्पादन भण्डारण व उपचार:आत्मनिर्भरखेती का पहला कदम:-

खेती की शुरूआत बीज से होती है और बीज पर ही समाप्त होती है (बीज ही बोया जाता है और बीज ही उत्पादित होता है) अर्थात बीज खेती का सबसे महत्वपूर्ण आधार है यदि बीज उत्तम है तो जुताई, सिंचाई निराई गुड़ाई सभी का प्रभाव देखने को मिलेगा, अन्यथा सभी Read more…

क्यो सफल है ग्रीन हाउस

ग्रीन हाउस बहुत अधीक गर्मी या सर्दी से फसलों की रक्षा करता है । धूल और बर्फ के तूफानो से बचाता है और कीटो को बाहर रखने मे मदद करता है ,प्रकाश और तापमान नियंत्रण की वजह से ग्रीन हाउस कृषि के आयोग भूमि को कृषि योग्य भूमि मे बदल Read more…

मृदा संबन्धित रोग और कैंसर की उत्पत्ति- 1

खेती चाहे रासायनिक हो या जैविक कुछ समस्याएँ एक जैसी होती हैं, ऐसी ही एक समस्या है जो मिट्टी से जुड़ी हुई है। दीमक, गींडार (व्हाइट ग्रब), निमोटोड और भी अन्य मृदा जनित रोग जिससे किसान परेशान होते हैं और कई बार पूरी फसल बर्बाद भी हो जाती है। रासायनिक Read more…

भूमि शोधन

भूमि शोधन फसल में आने वाली भूमि जनित बीमारी और कीटो से बचाव के लिए किया जाता है । यह जैविक और रासायनिक खेती करने वाले दोनों लोगो के लिए लाभकारी है। क्योकि भूमि जनित रोग दोनों तरह की खेती में आते है । लेकिन जैविक खेती करने वालो का Read more…