दशपर्णी अर्क तथा कीटनाशक:-

जिन पतियों से कीटनाशक बनाया जाता है, कैसे पहचानेंगे उन पौधों को? बकरी पर ध्यान दें, कौन सी पतियाँ बड़े चाव से खा रही और किसे एकदम ही नहीं छूती। वह सारे पौधे बहुत अच्छी कीटनाशक के रूप में बन सकते, जिससे बकरियाँ दूर रहतीं। ब्रह्मास्त्र :- 10 लीटर गौमूत्र Read more…

कीटो को भ्रमित करने तथा उन्हें फांसने के उपाय:-

फेरोमोन ट्रैप (गंध फाश):- फेरोमोन एक प्रकार का जैविक पदार्थ है। 2 मीटर बाँस को खेत में 4 से 5 जगह प्रति एकड़ के हिसाब से गाड़ दिया जाता है। ट्रैप को लगभग फसल से 1-2 फूट पर रखे। क्योंकि कीड़े इसमें स्वयं आकर फँसते हैं तो स्प्रे जैसा खर्च Read more…

खरपतवार:-

खरपतवार :- किसान खरपतवार (घास) से बहुत ही ज्यादा परेसान है, क्योंकि जैविक में आप हर्वीसाईड (खरपतवारनाशी) का स्प्रे नहीं कर सकते, और करना भी नहीं चाहिए | मोथा, दुबघास, पत्थरचट्टा, गाजर घास, बथुआ आदि खरपतवार के मुख्य उदाहरण हैं | कुछ ऐसे भी हैं, जो खेत मे रहने से Read more…

हरा चारा, मेढ़ के वृक्ष:-

सुबबूल (ल्यूसिना) :-यह एक सस्ता एवं गाय के लिए एक स्वादिष्ट चारा है। जब पौधे 1.5 मीटर के हो जाएँ तो जमीन से 30 सेमी छोड़कर चारा काट लिया जाता हैं। सहजन / मुनगा / सुरजन :-  यह मनुष्य, पशु, पौधे तीनों के लिए ही अत्यंत लाभकारी वृक्ष है। गाय Read more…

जैविक खेती मे खाद-प्रबंधन:-

कुनापजल, अमृत जल, जीवामृत, सजीव जल, सस्यगव्य मे से कोई एक का चुनाव करना है। सजीव जल, जीवामृत, सस्यगव्य और कुनापजल को प्रयोग मे लाने से, फसल वृदिक बनाने की आवश्क्ता नहीं। परंतु अमृत जल प्रयोग मे लाने से प्रोटीन (ऐमीनो एसिड) की व्यवस्था करनी पड़ेगी । अमृत जल सबसे Read more…

पंचगव्य :-

किसान भाइयों को परम्परागत कृषि को अपनाना होगा तभी आने वाली पीढ़ी को एक सुखद और खुशहाल जीवन मिल पाएगा। प्राचीन काल से ही भारत जैविक आधारित कृषि प्रधान देश रहा है। सदियों से विभिन्न प्रकार के उर्वरक उपयोग होते आए हैं जो पूर्णतः गाय के गोबर और गोमूत्र पर Read more…

सही फसल का चुनाव करें:-

किसान भाइयों, जैसा कि आप सभी जानते हैं, एक व्यापारी जब अपना व्यवसाय शुरू करता है, तो व्यवसाय शुरू करने से पहले वह काफी सोच-विचार कर व्यापार में कदम रखता है। तो आप क्यों नहीं कर सकते? इसी तरह आपको भी बाजार की डिमांड के अनुसार फसल चुनने की आवश्यकता Read more…

अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को समझें:-

ऑर्गेनिक खेती से पहले किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और फसल के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए, क्योंकि हर जगह की जलवायु, हर जगह की जमीन अलग होती है।  जैविक खेती शुरू करने से पहले अपनी मिट्टी का परीक्षण ज़रूर करा लें। ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले Read more…

मिश्रित खेती के लाभ :-

जब एक ही समय में एक ही खेत पर कई फसलें एक साथ बोई तथा उगायी जाती हैं इसे मिश्रित खेती कहते हैं| मिश्रित खेती विभिन्न पौधों के संरक्षण में मददगार होती इससे मिट्टी के स्वास्थ्य/गुणवत्ता में सुधार होता है| कुल मिलाकर उत्पादकता भी बढ़ती है| मिश्रित खेती फसल की Read more…