हाइटेक खेती के फायदे

ग्रीन हाउस पर सरकार दे रही 50 से 75 प्रतिशत तक अनुदान :- कृषि से संबंध रखने वाले युवा जो की पहले खेती करना छोडकर नौकरी के लिए शहर की तरफ जाने लगे थे । वो अब कुछ नई तकनीक सीखकर वापस गाँव को लौट रहे हैं । ऐसी ही Read more…

फसल प्रबन्धन

जैसा कि बताया गया है कि यदि पौधों में जल और पोषक तत्वों का संतुलन रखा जाये तो रोग-कीटों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है इसके लिये जैविक खाद का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। हमशा चार वर्षीय या अधिक फसल चक्र अपनाना चाहिये ताकि कोई कीट अपने जीवन बनाये Read more…

बीज उपचार या बीज की बुवाई पूर्व तैयारी

भंडारण के बाद जब बुवाई के लिये बीज बाहर निकाला जाता है तो बीज की अंकुरण क्षमता, रोग-कीट, कीट-खरपतवार रहित करना आदि बहुत आवश्यक है। इसके लिये निम्न उपाय करने चाहिये । अंकुरण परीक्षण:- भंडारण के बाद कितने प्रतिशत बीजों में उगने की क्षमता है यह जानना बहुत जरूरी है Read more…

कीट नियंत्रक में सहायक वनस्पतियाँ ( part:- 2)

अदरक, लहसुन और मिर्च के घोल एक हेक्टेयर के लिए आवश्यक घोल बनाने के लिए 25 कि.ग्रा. लहसुन, 1.25 कि. ग्रा. अदरक और 1.25 कि. ग्रा. हरी मिर्च को अच्छी तरह से पीस लीजिये । इसके साथ 18 लीटर पानी मिलाकर छान लीजिये और कीटाक्रमण की तीव्रता के अनुसार गाढ़ेपन Read more…

कीट नियंत्रक में सहायक वनस्पतियाँ

निम्बोली का घोल सबसे पहले नीम के बीज को इकट्ठा कर लीजिये और उनके बाहरी छिलको को हटा लीजिये। उसके बाद नीम बीज की गिरी 1 किलो, प्लास्टिक की बाल्टी में 10 लीटर नल का पानी लेकर उसमें इसको मिलाकर रात भर छोड़ दें । अगले दिन एक सूती कपड़े Read more…

दीमक नस्ट करने के उपाय :-

दीमक के लिए प्रति एकड़ खेत मे 8-10 पौधे लगाएँ । 2. पानी के बहते धारा मे हिंग को कपड़े मे बांधकर डाले वह घुल – घुल कर फसल के जड़ो मे पहुँच जाएगी । इससे अच्छा रोग नियंत्रण होता है । 3.पानी के साथ मिट्टी का तेल बूंद बूंद Read more…

जीवामृत से भूमि को सजीव बनायें।

जीवामृत बनाने के लिए गोबर गैस से निकलने वाली या गाय-बैल का गोबर एक बीघा के लिए 10 किलो गोबर 5 किलो गाय-बैल का मूत्र 1 किलो गुड़, आधा किलो मिट्टी बढ़ पीपल के नीचे या अपने खेत की मेड़ की मिट्टी, 200 लीटर पानी में डाले एक-एक बार इसके Read more…

फसलों का प्रमुख कीट

माहू वयस्क और शिशु दोनों पत्तियों के निचले भाग पर झुंड मे रहकर रस चूसते हैं जिसमे पत्तियां पीली पड़ जाती है। पत्तियों पर काली फंफूड उग जाती है । यह किट विषाणु के लिए वाहक कम करता है । सफ़ेद मक्खी / मच्छर शिशु एवं वयस्क अंडाकार हरे सफ़ेद Read more…

मृदा संबन्धित रोग और कैंसर की उत्पत्ति- 1

खेती चाहे रासायनिक हो या जैविक कुछ समस्याएँ एक जैसी होती हैं, ऐसी ही एक समस्या है जो मिट्टी से जुड़ी हुई है। दीमक, गींडार (व्हाइट ग्रब), निमोटोड और भी अन्य मृदा जनित रोग जिससे किसान परेशान होते हैं और कई बार पूरी फसल बर्बाद भी हो जाती है। रासायनिक Read more…

भूमि शोधन

भूमि शोधन फसल में आने वाली भूमि जनित बीमारी और कीटो से बचाव के लिए किया जाता है । यह जैविक और रासायनिक खेती करने वाले दोनों लोगो के लिए लाभकारी है। क्योकि भूमि जनित रोग दोनों तरह की खेती में आते है । लेकिन जैविक खेती करने वालो का Read more…