कुनापजल, अमृत जल, जीवामृत, सजीव जल, सस्यगव्य मे से कोई एक का चुनाव करना है। सजीव जल, जीवामृत, सस्यगव्य और कुनापजल को प्रयोग मे लाने से, फसल वृदिक बनाने की आवश्क्ता नहीं। परंतु अमृत जल प्रयोग मे लाने से प्रोटीन (ऐमीनो एसिड) की व्यवस्था करनी पड़ेगी । अमृत जल सबसे कम गौमूत्र मे बनता, इसलिए किसान इसे तुरंत अपना लेते हैं।
नाडेप, शिवंश खाद, घनजीवामृत मे से कोई एक का चुनाव करना है। क्योंकि नाडेप 120 दिन मे तैयार होता, वही शिवंश खाद 18 दिन मे तथा घनजीवामृत 21 दिन में, किसान का नाडेप खाद की ओर रुझाना कम रहता हैं।
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