रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से भूजल, पानी में नाइट्रेट, भारी तत्व जैसे लेड, कैडमियम, आर्सेनिक का स्तर बढ़ जाता है। नाइट्रेट मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसे ब्लू बेबी रोग, कैंसर रोग का कारक माना गया है। इसी प्रकार कीटनाशक भी सिंचाई जल पीने के पानी में मिल जाते हैं। गंगा सहित अनेक नदियों एवं तालाबों के पानी के नमूनों में हानिकारक पेस्टिसाइड की मात्रा पायी गयी है। भूजल स्तर में कमी आने से ग्रामीण क्षेत्रों में गहराई से पानी निकाला जा रहा है, जिससे पानी का पी.एच. मान टी.डी.एस. अधिक हो गया है। इस पानी के सेवन से अनेक ग्रामीण भागों में पाचन तंत्र और पथरी की समस्या बढ़ गयी है।

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